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अयोध्या में रामपथ धंसने पर योगी सरकार का एक्शन, PWD के 3 इंजीनियर निलंबित

लखनऊ: अयोध्या का रामपथ शनिवार को हुई भारी बारिश के कारण कई जगहों पर धंस गया था. सआदतगंज से नयाघाट चौक तक 20 जगहों पर सड़कें धंस गयी थी. इस मामले में शुक्रवार को एक्शन हुआ. सरकार ने अयोध्या में कई जगहों पर रामपथ धंसने के मामले में PWD के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर, AE और JE को सस्पेंड कर दिया.

अयोध्या के रामपथ में हुए भ्रष्टाचार को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद संबंधित अभियंताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई. अभियंताओं को निलंबित किया गया है. इसके साथ ही मुख्यालय से संबंध करके सभी के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है. जल्द से जल्द संबंध में जांच रिपोर्ट तलब की गई है. संबंधित अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता और अवर अभियंता को निलंबित किया गया है. इस संबंध में लोक निर्माण विभाग भ्रष्टाचार का ठीकरा नगर विकास विभाग की एजेंसी जल निगम पर फोड़ना चाहता था मगर यह तर्क नहीं सुने गए.

अयोध्या में पहली बरसात में विकास की पोल खोल दी थी. सहादतगंज से लेकर नया घाट तक 13 किलोमीटर लंबे रामपथ पर 20 से अधिक स्थानों पर सड़के धंस गई थीं. आनन फानन में सड़कों के गड्ढों को भर दिया गया, लेकिन आज अलग-अलग स्थानों पर गड्ढ़े हो रहे हैं. जिसकी वजह से उत्तर प्रदेश सरकार की राष्ट्रीय स्तर परकिरकिरी हुई है.

लोक निर्माण विभाग के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नाराजगी के बाद HOD कार्यालय की ओर से अयोध्या के सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर की आख्या तलब की गई थी. जिसके आधार पर अधिशासी अभियंता अनुज अग्रवाल. उनके अधीनस्थ काम करने वाले सहायक अभियंता ध्रुव अग्रवाल और अवर अभियंता को निलंबित करने का आदेश दिया गया है. जिस पर अमल भी हो गया है. जांच पूरी होने तक सभी को लोक निर्माण विभाग मुख्यालय से संबद्ध कर दिया गया है.

अयोध्या में राम पथ पर पहली बारिश के बाद जिस तरह से भ्रष्टाचार और गुणवत्ता विहीन निर्माण के नमूने नजर आ रहे हैं इसका राज अयोध्या के पाताल में छिपा हुआ है. लोक निर्माण विभाग की शुरुआती जांच में जो बातें सामने आई थीं उसमें यह स्पष्ट हुआ है कि भूमिगत सीवर लाइन जो जल निगम ने बिछाई थी, उसकी गुणवत्ता में जबरदस्त खामियां सामने आ रही हैं. लोक निर्माण विभाग ने अपनी प्रथम दृष्टि या जांच रिपोर्ट को शासन के समक्ष प्रस्तुत कर दिया है.

इसमें कहा गया है कि नगर विकास की एजेंसी जल निगम ने जिस तरह से काम करवाया वह भूमिगत रिसाव का कारण बना. बारिश के दौरान नामी बढ़ते ही सड़क जगह-जगह से फटना शुरू हो गई. मगर उच्च स्तर पर इस तर्क को नहीं माना गया. माना गया कि सड़क के एलाइनमेंट पर भी जगह-जगह गड़बड़ हुई है.

अयोध्या के विकास को मॉडल बनाने की चाहत पहली ही बारिश में बह गई है. राम मंदिर के उद्घाटन और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले ही बनकर तैयार हुआ रामपथ पहली ही बारिश में कई जगह धंस गया. अयोध्या में सआदतगंज से लेकर नयाघाट लता चौक तक करीब 13 किमी लम्बे रामपथ पर गहरी सीवर लाइन डलवाने वाले जल निगम नगर इकाई की कलई भी खोल दी. बारिश के कारण रामपथ पर एक दर्ज अधिक स्थानों पर सड़क पर बने बड़े चैम्बरों वाली सड़कें से कई घंटे यातायात प्रभावित हुआ.

हालांकि सुबह बारिश रुकने के बाद लोक निर्माण विभाग ने आनन-फानन में पत्थर की गिट्टियां डलवाकर सभी गड्डों को पटवा दिया। लेकिन सड़क धंसने के कारण एक कार रिकाबगंज चौराहा पर गड्ढे में फंस गई, जिसे धक्का लगवाकर गड्ढे से बाहर निकाला गया। वहीं, इसे लेकर कांग्रेस ने निशाना साधा है. कांग्रेस ने कहा कि अयोध्या में भाजपा ने राम मंदिर से लेकर वहां के कार्यों में खूब भ्रष्टाचार किया है! जिसकी पोल अब प परत खुलनी शुरु हो गई हैं! क्या कोई रामभक्त राम के नाम पर लूट कर सकता है.

इस मामले में लोक निर्माण विभाग के विभाग अध्यक्ष वीके श्रीवास्तव ने ईटीवी भारत को बताया था कि हमारी जांच में यह बात सामने आई है कि जो गहरी सीवर लाइन रामपथ के नीचे बिछाई गई थी उसकी गुणवत्ता में बहुत ज्यादा कमी थी. जिसकी वजह से लीकेज हुआ और जब बारिश हुई तो नमी बढ़ गई.यहां सड़क अब फटना शुरू हो गई है. क्या लोक निर्माण विभाग को पहले से पता नहीं था कि जल निगम की सीवर लाइन में गुणवत्ता की कमी है.

इस सवाल के जवाब में वी के श्रीवास्तव ने बताया कि हमको इस बात की आशंका थी मगर यह काम दूसरा विभाग कर रहा था इसलिए हम बहुत अधिक हस्तक्षेप नहीं कर सकते थे. मगर जबसड़क को नुकसान हुआ है तो हमने अपनी पूरी रिपोर्ट अधीक्षण अभियंता अयोध्या के माध्यम से शासन के समक्ष रख दी है जिसमें जल निगम की लाइन की खराबी की बात का उल्लेख स्पष्ट किया गया है. इसके बाद में माना गया कि नगर विकास विभाग से अधिक लोक निर्माण विभाग की जिम्मेदारी है. तत्काल यह एक्शन लिया गया है.

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