AI नहीं है खतरा, जितनी नौकरियां खत्म करेगी उससे ज्यादा नए जॉब पैदा होंगे
AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का जिक्र इतिहास के पन्नों में 1956 में मिलता है. जब अमेरिका के डार्टमाउथ कॉलेज के प्रोफेसर जॉन मैकार्थी ने सोचने वाली मशीनों के बारे में विचारों को स्पष्ट करने और विकसित करने के लिए एक वर्कशॉप का आयोजन किया था. आज करीब 6 दशक बाद यह शब्द हर उस इंसान के लिए एक समस्या बन गया है, जिसे इसकी वजह से नौकरी जाने का डर लग रहा है. अब उन लोगों को भी चिंता करने की जरूरत नहीं है. क्योंकि एक रिपोर्ट में यह बताया गया है कि इससे नौकरी जाएगी नहीं बल्कि नई नौकरियां पैदा होंगी. डेलॉयट के एआई कार्यकारी रोहित टंडन ने कहा है कि भविष्य एआई-ह्यूमन के सहयोग का है, ना कि एआई मानवों की जगह ले लेगी.
नई नौकरियां होंगी पैदा
टंडन ने कहा कि अब हम क्रांतिकारी युग की कल्पना करते हैं, जहां टेक्नोलॉजी वर्कफोर्स को रिप्लेस करने के बजाय उसे और सशक्त बनाएगी. डेलॉयट एलएलपी के एआई डिपार्टमेंट के MD टंडन कहते हैं कि एआई नौकरियां नहीं छीनेगी, बल्कि कुछ आसान नौकरियों को खत्म कर देगी, तथा नई भूमिकाएं पैदा करेगी. उन्होंने कहा कि एआई लोगों की जगह ले लेगी. ऐसा नहीं होगा. आपको अभी भी इंसानों की जरूरत है.
नहीं हैं डरने की जरूरत
टंडन ने कहा कि जब आईटी, टेक्नोलॉजी और कंप्यूटर परिदृश्य में आए तो नौकरियों के खत्म हो जाने का ऐसा ही डर था. लेकिन जरा देखिए कि आईटी की वजह से दुनियाभर में कितनी नौकरियां पैदा हुई हैं. यही बात एआई के साथ भी होने जा रही है. यह सर्वव्यापी होने जा रहा है, ठीक वैसे ही जैसे आज है, जैसे आपके पास आज के सबसे बड़े सुपरकंप्यूटर आपके फोन पर उपलब्ध हैं, कुछ सबसे शक्तिशाली एआई एल्गोरिदम आपके पर्स में, आपके बटुए में, आपकी जेब में होंगे.
टंडन ने कहा कि यह ऐसी चीज होगी जिसके बारे में हम बात करें या न करें, यह हमारे जीवन का एक हिस्सा बन जाएगी. उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब कोई नई तकनीक आई है और उससे नौकरियां जाने का खतरा पैदा हुआ है. बता दें कि इससे पहले जनवरी महीने में इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) की चीफ क्रिस्टेलिना ज्योर्जिवा ने कहा था कि AI दुनियाभर में जॉब सिक्योरिटी के लिए बड़ा रिस्क पैदा कर सकता है. उन्होंने ये भी कहा था कि चुनौतियों के साथ ही इसमें अपार अवसर भी हैं, जिससे प्रोडक्टिविटी को बढ़ाया जा सकता है और ग्लोबल ग्रोथ को बूस्ट दिया जा सकता है. ज्योर्जिवा ने कहा था कि AI दुनियाभर में 60 प्रतिशत जॉब्स को प्रभावित कर सकता है.