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अमरोहा में एसपी के नाम पर रिश्वत लेने में पूर्व चेयरमैन व कांग्रेस नेता गिरफ्तार, महिला मित्र की तलाश में भी जुटी पुलिस

Amroha News : यूपी के अमरोहा में पूर्व पालिकाध्यक्ष व कांग्रेस नेता अफसर अली वारसी का कथित गोकशी के मामले में जिले के आला पुलिस अफसर के नाम पर रिश्वत का ऑडियो वायरल होने पर पुलिस ने चेयरमैन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। साथ ही एसपी बन रिश्वत मांगने वाली चेयरमैन की महिला मित्र की गिरफ्तारी को पुलिस टीम गठित की गई हैं।

मामला उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के बछरायूं कस्बे का है। यहां रहने वाले अफसर अली वारसी पूर्व नगर पालिका परिषद अध्यक्ष है और वतर्मान में वह कांग्रेस से जुड़े है। करीब आठ माह पहले कस्बे में हुई एक कथित गोवंश की हत्या में कस्बे के ही रहने वाले नवाब व अखलाक का नाम प्रकाश में आया था। हालांकि पुलिस जांच में वह मामला सही नही पाया गया था। हाल में सोशल मीडिया पर एक ऑडियो वायरल हो रहा है। जो कस्बा निवासी नवाब व चेयरमैन की बातचीत का होने का दावा किया जा रहा है। इसमें पूर्व पालिकाध्यक्ष द्वारा केस में नाम न आने पर एक लाख रुपए की रकम जिले के पुलिस अफसर को देने के लिए आश्वस्त किया जा रहा है। ऑडियो वायरल होने के बाद जब मामला एसपी पूनम की संज्ञान में आया तो उन्होंने इस पर जांच बैठा दी। रविवार को पुलिस ने अफसर अली को गिरफ्तार कर लिया। मुकदमा कायम कर कोर्ट में पेश किया जहां से जेल भेज दिया गया।

इन धाराओं में दर्ज किया मुकदमा
पुलिस ने पूर्व पालिकाध्यक्ष अफसर अली वारसी के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 और 386 में मुकदमा कायम किया है। एसपी पूनम ने बताया कि मामला सामने आने के बाद ऑडियो की जांच कराई गई थी। जिसमें बछरायूं के पूर्व पालिका अध्यक्ष अफसर अली ने मुकदमें में बचाने का हवाला देते हुए रिश्वत मांगी थी।

महिला मित्र की तलाश में जुटी पुलिस
पुलिस ने वायरल ऑडियो मामले में पूर्व चेयरमैन अफसर अली के संग उसकी नोएडा के सेक्टर 41 निवासी महिला मित्र क्रांति गुलेरिया पत्नी दिनेश गुलेरिया के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया है। आरोप है कि महिला ने अमरोहा एसपी बनकर नवाब अली से पांच लाख रुपए की रंगदारी मांगी थी।

बिजनौर से है विधायक बनने का सपना
रंगदारी के आरोपों में घिरे पूर्व चेयरमैन अफसर अली का बिजनौर की नूरपुर विधानसभा से विधायक बनने का सपना था। सपा में रहते हुए उपचुनाव के लिए दावेदारी भी पेश की थी। लेकिन टिकट नही मिल पाया। इसके बाद सपा को अलविदा कहकर कांग्रेस ज्वाइन कर ली। लोगों का कहना है कि अब 2022 में होने वाले चुनाव में बिजनौर की बढ़ापुर विधानसभा सीट से दावेदारी की।

चेयरमैन रहते हुए थे जलवे
बताया जाता है कि अफसर अली के बछरायूं पालिका का चेयरमैन होने के दौरान समाजवादी सरकार में बड़े जलवे थे। जिले के कई बड़े अधिकारी फेस्टिवल के मौके पर घर आते थे। जिले के एक बड़े अधिकारी से उस वक्त खास तालुक थे। जिसका खूब फायदा उठाया। लोगों का कहना है कि पूर्व चेयरमैन अफसरों से करीबी संम्बंध दिखाकर मदद के नाम पर मोटी रकम वसूलता था।

क्या बोले परिजन
चेयरमैन के परिजनों का कहना है कि उन पर रंगदारी के आरोप बेबुनियाद है। किसी की मदद करना अब गुनाह हो गया है। राजनीतिक के तहत ही उनको फंसाया गया है। छवि धूमिल करने के लिए विरोधियों ने ये षडयंत्र रचा।

ये था पूरा मामला
आठ माह पहले कस्बे में गोवंशीय पशु के मांस के अवशेष मिलने की बात कहकर हिंदूवादी संगठनों ने थाने के बाहर प्रदर्शन किया था। जिसमें अखलाक व नवाब का नाम प्रकाश में आया था। जब पुलिस ने मामले की जांच की तो गोकशी होने से इंकार कर दिया था। इसके बाद शक के घेरे में आए चौकी इंचार्ज का ट्रांसफर कर दिया गया था। इसी मसले में नवाब व अखलाक से अफसर अली द्वारा जिले के आला पुलिस अफसर के नाम पर मोटी रकम वसूलने का आरोप है। पूर्व चेयरमैन और नवाब का ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस ने अफसर अली के खिलाफ मुकदमा कायम कर जेल भेज दिया।

 

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