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नानकमत्ता गुरुद्वारा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह को मिली थी जान से मारने की धमकी, सोशल मीडिया पर किया था पोस्‍ट

उधमसिंह नगर: गुरुवार सुबह उत्तराखंड के उधमसिंह नगर स्थित नानकमत्ता गुरुद्वारा प्रमुख की गोली मारकर हत्या कर दी गई. 3 सेकंड में इस हत्याकांड को अंजाम देने के बाद दो बाइक सवार हमलावर कहां चले गए, अब तक किसी को कोई खबर नहीं है. हैरानी की बात यह है कि यह हत्याकांड तब हुआ है जब राज्य में प्रथम चरण में लोकसभा चुनाव होने जा रहे हैं.

उधमसिंह नगर में बढ़ा अपराध: लोकसभा चुनाव के मद्देनजर हर चेक पोस्ट पर आने जाने वाले की चेकिंग का पुलिस दावा कर रही है. ऐसा नहीं है कि उधमसिंह नगर में किसी धार्मिक स्थान से जुड़े व्यक्ति की यह पहली हत्या हो. जनवरी 2024 में भी कुछ हमलावरों ने खटीमा के ही वन क्षेत्र में स्थित बाबा बहरामल समाधि स्थल के प्रमुख और सेवादार की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. हालांकि पुलिस ने उस हत्याकांड का लगभग 25 दिन बाद खुलासा कर दिया था. लेकिन उत्तराखंड के उधमसिंह नगर में और खासकर मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र में इस तरह की वारदात के बाद सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल जरूर खड़े हो रहे हैं.

डेरा कार सेवा प्रमुख की हत्या: यह हत्याकांड तब हुआ जब सुबह नानकमत्ता डेरा कार सेवा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह मॉर्निंग वॉक के बाद अपनी कुर्सी पर बैठे हुए थे. तभी दो बाइक सवार गुरुद्वारे के अंदर जहां पर बाबा तरसेम सिंह बैठे थे वहीं पर पहुंचे. एक बड़ी सी राइफल लिए पीछे बैठा हमलावर दो राउंड फायर करता है और यह पूरा घटनाक्रम 3 सेकंड में अंजाम देकर बाइक सवार वहां से फरार हो जाते हैं. बाबा तरसेम सिंह को अस्पताल ले जाया जाता है. लेकिन उनकी मृत्यु हो जाती है.

बीजेपी के करीबी थे बाबा तरसेम सिंह: यह घटना इसलिए भी बेहद सनसनीखेज है क्योंकि बाबा तरसेम सिंह बीजेपी के तमाम नेताओं के बेहद करीबी माने जाते थे. इतना ही नहीं उनके भक्तों की संख्या या यह कहें कि नानकमत्ता गुरुद्वारा के भक्तों की संख्या न केवल उत्तराखंड-उत्तर प्रदेश बल्कि पंजाब में भी बड़ी संख्या में है. ऐसे में मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने पूरे इलाके में फोर्स को तैनात कर दिया है. जगह-जगह चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है. इस घटनाक्रम को सुलझाने के लिए पुलिस मुख्यालय की तरफ से एक SIT का गठन भी किया गया है.

सोशल मीडिया पर किया था पोस्ट: बाबा तरसेम सिंह ने लगभग 1 महीने पहले नानकमत्ता के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर भी एक लंबा चौड़ा पोस्ट किया था. जिसमें उन्होंने लिखा था कि कुछ लोग उनके ऊपर लगातार दबाव बना रहे हैं. संपत्ति और अन्य मामलों को लेकर उनके खिलाफ माहौल बनाया जा रहा है. मामले दर्ज करवाए जा रहे हैं. उस पोस्ट में उन्होंने एक विवाद को लेकर विस्तारित रूप से बात कही थी. अब सवाल यह उठा रहा है कि क्या बाबा तरसेम सिंह को यह पहले से अंदेशा था कि उनके साथ इस तरह का कोई घटनाक्रम हो सकता है. इतना ही नहीं एक यूजर ने बाबा तरसेम सिंह को लेकर अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए उनकी फोटो डालकर भी कुछ बातें लिखी थीं, जिसके बाद एक और सिख यूजर ने वो फोटो पोस्ट करते हुए जब उनको जान से मारने की धमकी दी थी तो इस मामले में डेरा कार सेवा के प्रबंधक चरनजीत सिंह ने पुलिस को तहरीर दी थी. उस पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच भी शुरू कर दी थी.

बीजेपी के नेताओं से थी बाबा की नजदीकी: बाबा तरसेम सिंह की इस पूरे इलाके में बीजेपी के तमाम बड़े नेताओं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ-साथ कई बड़े भाजपा नेताओं के साथ लगातार मुलाकातें होती रहती थीं. यही कारण है कि उनकी हत्या के बाद जैसे ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को इस घटनाक्रम का पता लगा, वैसे ही उन्होंने नानकमत्ता जाने का प्लान बनाया है. बताया जा रहा है कि आज शाम को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी घटनास्थल पर पहुंचकर पुलिस अधिकारियों से बातचीत करेंगे. धामी के लिए यह हत्याकांड इसलिए भी बेहद गंभीर है, क्योंकि यह इलाका मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का गृह क्षेत्र भी है.

बेहद प्रसिद्ध थे बाबा तरसेम सिंह: बाबा तरसेम सिंह लंबे समय से इसी गुरुद्वारा के कार सेवा प्रमुख थे. हमेशा से समाज सेवा और लोगों की परेशानियों में खड़े रहने वाले तरसेम सिंह आसपास के इलाके में न केवल गुरुद्वारा नानकमत्ता प्रमुख की वजह से बेहद प्रसिद्ध थे, बल्कि उनका स्वभाव भी लोगों को बेहद पसंद आता था. नानकमत्ता गुरुद्वारा के पुनर्निर्माण में उन्होंने अपना पूरा जीवन समर्पित कर रखा था. उन्हीं की देखरेख में गुरु नानकमत्ता गुरुद्वारा प्रबंधन कई स्कूल, लंगर और राहत बचाव कार्य के साथ-साथ अन्य आपदा राहत के कार्यों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेता था. जानकारी यह भी है कि उनकी हत्या के बाद दिल्ली स्थित गुरुद्वारा बंगला साहिब के प्रमुख बाबा बच्चन सिंह भी नानकमत्ता पहुंच रहे हैं. इसके साथ ही पंजाब से भी बड़ी संख्या में उनके भक्त नानकमत्ता आ रहे हैं.

इसी साल भी दो संतों की हुई है हत्या: यह कोई पहला मामला नहीं है, जब खटीमा में किसी धार्मिक गुरु की हत्या की गई हो. इससे पहले भी इसी साल जनवरी महीने में बाबा भारमल मंदिर में सुबह-सुबह लाठी डंडों से पीट कर समाधि स्थल प्रमुख और सेवादार हत्या कर दी गई थी. इस स्थान पर भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार जाते रहते थे. हत्याकांड से कुछ दिन पहले भी वो यहां पर रामायण के पाठ में सम्मिलित हुए थे. हालांकि पुलिस ने इस हत्याकांड के बाद 28 जनवरी को मामले का खुलासा करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार किया था. जिनमें कालीचरण, रामपाल और पवन सिंह शामिल थे. पुलिस ने इस मामले का खुलासा करने से पहले लगभग 1200 लोगों से पूछताछ की थी. 1000 से अधिक अपराधियों के बयान भी दर्ज किए थे. 1500 से अधिक सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगालने के बाद पुलिस अपराधियों तक पहुंची थी.

नेपाल और यूपी का बॉडर लगने से बढ़ जाता है अपराध: खटीमा, नेपाल और यूपी बॉर्डर से लगता हुआ इलाका है. ऐसे में अपराधियों के लिए यहां से निकलना बेहद आसान हो जाता है. खुद डीजीपी अभिनव कुमार भी मानते हैं कि ये घटना बेहद गंभीर है और दो सीमाएं लगने से ये इलाका और भी अधिक संवेदनशील हो जाता है. फ़िलहाल इस मामले के लिए पुलिस ने यूपी और अन्य जगह पर टीम भी भेजी हैं. इसके साथ ही प्रथम जांच में ये भी खुलासा हुआ है कि हत्यारे लगभग आठ दिन से नानकमत्ता गुरुद्वारे की सराय में रुके हुए थे. चौंकाने वाली बात ये है कि सराय में रुकने के लिए सिर्फ तीन दिन की परमिशन मिलती है. फिर ये लोग 8 दिन से कैसे रुके थे, इसमें भी रहस्य है. फ़िलहाल पुलिस नानकमत्ता से जुड़े विवादों को लेकर गहनता से जांच कर रही है.

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