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सुल्तानपुर में BJP नेता के भतीजे की गोली मारकर हत्या, मामूली विवाद में हुई थी कहासुनी

सुलतानपुर। मंगलवार की शाम कहासुनी के बाद भाजपा नेता के भतीजे को गोली कार दी गई। उन्हें मेडिकल कालेज लाया गया, जहां चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया। घटना कोतवाली नगर पयागीपुर में हुई, जो जिले में कानून-व्यवस्था की हकीकत और अपराधियों की निरंकुशता बयां करने को काफी है।

कोतवाली देहात के पकड़ी निवासी भाजपा मंडल अध्यक्ष राम अभिलाख सिंह के भतीजे अभय प्रताप सिंह शानू पुत्र प्रवेश सिंह साथी अनंत त्रिपाठी के साथ में पर बैठे थे। इसी बीच उनके पास किसी का फोन आया। इसके बाद वे अनंत के साथ बाइक से पयागीपुर चलने की बात कहकर निकले। दोनों यहां ढाबे के पास पहुंचे ही थे कि किसी बात को लेकर आकाश सिंह व विनय यादव से उनकी कहासुनी होने लगी। इसी बीच आकाश ने तमंचे से गोली मार दी, जो सीधे अभय प्रताप को जा लगी।

घटना के बाद चौराहे के पास भगदड़ मच गई। इसी बीच हमलावर साथी के साथ फरार हो गया। घायल को स्थानीय लोगों के सहयोग से मेडिकल कालेज लाया गया, जहां चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया। पुलिस अधीक्षक सोमेन बर्मा, अपर पुलिस अधीक्षक अरुण चंद्र व सीओ सिटी शिवम मिश्र मेडिकल कालेज पहुंचे। कोतवाल अरुण कुमार द्विवेदी ने बताया कि दोनों पक्ष कोतवाली देहात के ही रहने वाले हैं। घटना किन कारणों को लेकर हुई, इसके बारे में छानबीन की जा रही है।

एक के बाद एक घटनाओं से दहशत, कहां रहती पुलिस

28 सितंबर को चौक के ठठेरी बाजार में सर्राफ के यहां दिन-दहाड़े डकैती पड़ी थी। इसका मंगलवार को राजफाश करने का दावा पुलिस ने किया, इस बीच कुछ ही घंटे के बाद एक और बड़ी वारदात हो गई। इससे पहले विनोबापुरी कालोनी निवासी युवक अंकुर मिश्र को अज्ञात हमलावरों ने अयोध्या-प्रयागराज बाईपास पर गोली मार दी थी। इससे पहले हत्या व लूट की कई घटनाएं हो चुकी हैं।

लगातार हो रहीं घटनाओं से जहां अपराधियों की सक्रियता जाहिर हो रही, वहीं पुलिस की निष्क्रियता भी नजर आ रही है। हैरत की बात यह है कि अपराधी पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था को भेदकर घटना के बाद बच निकलते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि पुलिस कहां रहती है??

गिरफ्तारी के लिए गठित की गईं टीमें

एसपी सोमेन बर्मा ने बताया की मृतक व हमलावर महाराणा प्रताप इंटर कालेज उतुरी के पूर्व छात्र रहे हैं। इनके बीच क्या विवाद हुआ, यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है। आरोपितों का कोई आपराधिक इतिहास भी नहीं है। गिरफ्तारी के लिए दो टीमें गठित की गई हैं।

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