रिकॉर्ड! एलन मस्क को मिलेगी इतिहास की सबसे ज्यादा सैलरी, हर घंटे खरीद सकते हैं 50 मर्सिडीज कार
दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क की दौलत में जल्द ही जबरदस्त इजाफा हो सकता है. इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनी टेस्ला से उन्हें 56 बिलियन डॉलर का पैकेज मिलने की राह में एक और रुकावट दूर हो गई है. हाल ही में हुई सालाना आम बैठक में कंपनी के निवेशकों ने एलन मस्क के प्रस्तावित पे पेकैज के पक्ष में वोट किया है.
कल हुई टेस्ला के शेयरधारकों की एजीएम
टेस्ला के शेयरधारकों की सालाना आम बैठक 13 जून को हुई. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, एजीएम में शेयरहोल्डर्स के सामने एलन मस्क के पे पैकेज का प्रस्ताव आया और उन्होंने उसके पक्ष में वोट किया. इसके अलावा शेयरहोल्डर्स ने कंपनी का रजिस्ट्रेशन टेक्सास शिफ्ट करने के प्रस्ताव को भी मंजूर कर दिया.
2018 से ही अटका हुआ था प्रस्ताव
इसके साथ ही एलन मस्क को टेस्ला के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में मिलने वाले भुगतान पर सालों से चला आ रहा विवाद सुलझने की ओ बढ़ गया है. टेस्ला में एलन मस्क के लिए 56 बिलियन डॉलर के पे पेकैज का प्रस्ताव 2018 में ही तैयार कर लिया गया था, लेकिन उसे अब तक मंजूरी नहीं मिल पाई थी. कंपनी के निवेशकों का एक समूह इस भारी-भरकम पैकेज का विरोध कर रहा था.
एलन मस्क ने की थी मैनेजमेंट से ये मांग
दरअसल एलन मस्क ने टेस्ला में अपने पैकेज को लेकर साफ मांग रख दी थी. उन्होंने कहा था कि अगर टेस्ला में उन्हें कम से कम 25 फीसदी हिस्सेदारी नहीं मिलती है तो वह कंपनी छोड़ने पर विचार कर सकते हैं. अभी मस्क के पास टेस्ला में लगभग 13 फीसदी हिस्सेदारी है. उनकी मांग पर विचार करने के बाद कंपनी के प्रबंधन ने 56 बिलियन डॉलर का पैकेज तैयार किया था. यह पैकेज कितना बड़ा है, उसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि भारतीय करेंसी में रकम लगभग 4.68 लाख करोड़ रुपये हो जाती है.
पैकेज के पक्ष में अपील कर रहा था प्रबंधन
कंपनी का मैनेजमेंट टेस्ला के शेयरहोल्डर्स से मस्क के प्रस्तावित पैकेज के पक्ष में वोट करने की अपील कर रहा था. टेस्ला के चेयरपर्सन रॉबिन डेनहोल्म ने एजीएम से ऐन पहले शेयरहोल्डर्स के नाम लेटर जारी कर चेताया था कि अगर एलन मस्क के प्रस्तावित पे पैकेज को मंजूरी नहीं मिलती है, तो ऐसी स्थिति में वह कंपनी से अलग हो सकते हैं. डेनहोल्म का कहना था कि एलन मस्क टेस्ला के सबसे महत्वपूर्ण कर्मचारी हैं और उन्हें 6 सालों से उनके काम के बदले कोई मेहनताना नहीं मिला है.