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बिजनौर से विधायक बनने का सपना देख रहे पूर्व चेयरमैन रंगदारी मांगने में पहुंचे सलाखों के पीछे, एसपी के नाम पर मांगी थी मोटी रंगदारी

कथित गोकशी के मामले में एसपी के नाम पर मांगी गई रिश्वत, बातचीत का ऑडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर भेजा जेल वहीं महिला मित्र ने एसपी बनकर किया था फोन,उसकी गिरफ्तारी को भी गठित की गई टीम

UP News : गोकशी के एक कथित मामले में एसपी के नाम पर रंगदारी मांगना नेता जी को भारी पड़ गया। पूरे प्रकरण की बातचीत का ऑडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने मुकदमा कायम कर पूर्व चेयरमैन को जेल भेज दिया। साथ ही एसपी बनकर कॉल करने वाली नेता जी की महिला मित्र की गिरफ्तारी को पुलिस ने टीम गठित कर दी है। पुलिस ने बहुत जल्द उसकी भी गिरफ्तारी का दावा किया है।

रंगदारी मामले में जेल गए यह नेता जी अमरोहा जनपद की बछरायूं नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन अफसर अली वारसी है। नेता जी नोएडा में एडवरटाइजिंग बोर्ड का काम करते है। अफसर अली ने बछरायूं नगर पालिका का निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा और चेयरमैन बन गए। चेयरमैन बनने के बाद इन्होंने सपा ज्वाईन कर ली। वर्तमान में कांग्रेस से जुड़े है और बिजनौर की एक विधानसभा से टिकट के लिए भी दावेदारी की।

बिजनौर की इस सीट से था विधायक बनना सपना
रंगदारी मांगने में जेल गए अफसर अली का सपना बिजनौर से विधायक बनना है। यही वजह है पहले नूरपुर और अब बढ़ापुर विधानसभा से एक प्रमुख पार्टी से टिकट के लिए दावेदारी जताई हुई है। सपा में रहते हुए नूरपुर विधानसभा सीट पर टिकट के लिए भी दावेदारी पेश की थी। छह माह तक अफसर अली ने नूरपुर विधानसभा के गांव गांव घूमकर जनसंपर्क किया था।

लेकिन टिकट नही मिल पाया। इसके बाद सपा को अलविदा कह दिया और कांग्रेस ज्वाइन कर ली। अब 2022 के चुनाव के लिए बढ़ापुर विधानसभा सीट पर नजरें जमा रखी थी। कांग्रेस से टिकट के लिए दावेदारी पेश की। लोगों का कहना है कि सलाखों के पीछे पहुंचे नेता जी का अब भविष्य क्या होगा यह तो समय ही बताएगा।

 

ये था पूरा मामला
आठ माह पहले अमरोहा के बछरायूं कस्बे में एक कथित गोवंश की हत्या का मामला सामने आया था। इसमें कस्बे के ही अखलाक व नवाब का नाम प्रकाश में आया था। जिसको लेकर हिंदू संगठनों ने थाने पर प्रदर्शन किया था। जब पुलिस ने जांच की तो मामला गोकशी का नही पाया गया।

हालांकि जांच के बाद दरोगा का पुलिस अफसरों ने तबादला कर दिया था। इसी मसले में पूर्व चेयरमैन अफसर अली पर नवाब व अखलाक से एक लाख दस हजार रुपए एसपी के नाम पर वसूलने का आरोप है।

 

इन धाराओं में दर्ज किया मुकदमा
पुलिस ने पूर्व चेयरमैन अफसर अली वारसी के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 और 386 में मुकदमा कायम किया है। अमरोहा जिले की एसपी पूनम ने बताया कि मामला सामने आने के बाद ऑडियो की जांच कराई गई। जिसमें सामने आया कि बछरायूं के पूर्व चेयरमैन अफसर अली ने मुकदमें में बचाने का हवाला देते हुए नवाब से रिश्वत मांगी थी। यही नही अपनी महिला मित्र से एसपी बनकर फोन कराया गया।

महिला मित्र की तलाश में जुटी पुलिस
पुलिस ने रंगदारी के वायरल ऑडियो मामले में पूर्व चेयरमैन अफसर अली के संग उसकी नोएडा के सेक्टर 41 निवासी महिला मित्र क्रांति गुलेरिया पत्नी दिनेश गुलेरिया के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया है। आरोप है कि महिला ने अमरोहा एसपी बनकर नवाब अली से पांच लाख रुपए की रंगदारी मांगी थी। पुलिस ने क्रांति गुलेरिया की गिरफ्तारी को टीम गठित की है।

मदद के नाम पर वसूली जाती थी मोटी रकम
बताया जाता है कि अफसर अली के बछरायूं पालिका का चेयरमैन रहते हुए समाजवादी सरकार में बड़े जलवे थे। जिले के कई बड़े अधिकारी फेस्टिवल के मौके पर घर आते थे। जिले के एक बड़े अधिकारी से उस वक्त खास तालुक थे। जिसका खूब फायदा उठाया। लोगों का कहना है कि पूर्व चेयरमैन अफसरों से करीबी संम्बंध दिखाकर मदद के नाम पर मोटी रकम वसूलता था।

इनकी भी सुनिए
चेयरमैन के परिजन पूरे मामले को राजनीतिक साजिश का हिस्सा बता रहे है। उनका कहना है कि विरोधियों ने राजनीतिक छवि खराब करने को यह पूरा प्रकरण रचा। किसी की मदद करना गुनाह है यह नही पता था।

 

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