हापुड़: युवक-युवतियों से दोस्ती कर धोखा देने में माहिर, महंगे गिफ्ट देकर करते ठगी; युवती समेत तीन नाइजीरियन गिरफ्तार
हापुड़ पुलिस और साइबर थाने की टीम ने संयुक्त रुप से सोशल मीडिया पर प्लेटफार्म पर लड़की और महिलाओं के नाम से आईडी बनाकर लाखों की भारत में ठगी करने वाले नाइजीरियन गिरोह का खुलासा किया है। पुलिस एक महिला-पुरुष नाइजीरिया तथा एक भारतीय महिला को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से जिनकी रिपोर्ट एम्बेसी को भेजी जा रही है। पुलिस ने आरोपियों के पास से चार फोन, लैपटॉप, 1500 रुपये और फर्जी रसीदें बरामद की है। पुलिस ने ठगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। इसके अलावा इनके पास से फर्जी वीजा और पासपोर्ट भी बरामद हुए हैं।
एसपी अभिषेक वर्मा ने बताया कि कोतवाली पिलखुवा क्षेत्र के गांव कांवी निवासी अनिरूद्ध तोमर ने ठगों ने फेसबुक पर मर्सी जैकसन नाम से फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजा थी। एक मार्च को व्हाट्सएप कॉल करके बोला कि दिल्ली एयरपोर्ट पर कस्टम विभाग ने 70 हजार डॉलर और आईफोन के साथ पकड़ लिया है। थोड़ी देर बाद एक अंजान नंबर से फोन आया और सामान छुड़ाने के नाम पर दस प्रतिशत फीस की मांग करने लगा।
पीड़ित ने अंजान व्यक्ति के खाता में 1.10 लाख रुपए भेज दिए थे। दोबारा फोन कर सामान छोड़ने के लिए रुपए की मांग करने लगा था। पीड़ित ने गांव निवासी अपने दोस्त से 35 हजार रुपए उधार लेकर खाता में डाल दिए थे। जब व्यक्ति से सामान की बात की तो और रुपए की मांग करने लगा था। व्यक्ति ने दो फर्जी रसीद व्हाट्सएप पर भेज दी थी।
एसपी ने बताया कि साइउबर फ्राड केस की विवेचना करते हुए कोतवाल पिलखुवा पुलिस और साइबर थाने की टीम ने साइबर प काम शुरू कर दिया। जिन्होंने नाइजीरियन गिरोह का खुलासा करते हुए दिल्ली में रहने वाले दो नाइजीरियन पकड़े। जिन्होंने अपने नाम पीटर, माइकल डीनो बताए। यो दोनों संतगढ़ दिल्ली में रहकर यह गिरोह चला रहे थे। इनके पास ही रहने वाली नागालैंड निवासी मर्सी केथ को भी गिरफ्तार कर लिया गया। । तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।
नाइजीरिया के दिल्ली में रह रहे थे—
एसपी अभिषेक वर्मा ने बताया कि फेसबुक, इंस्टाग्राम तथा व्हाटसएप पर फ्रेंड रिकवेस्ट भेजकर दोस्ती कर बाद में ठगी करने वाले महिला-पुरुष पीटर और माइकल डीनो दोनों नाइजीरिया के रहने वाले हैं। जो वर्तमान में दिल्ली रह रहे थे। इसके अलावा नागालैंड में रहने वाली महिला मर्सी भी इनके साथ थी। जो दिल्ली रह रही थी। तीनों ही साइबर ठगी कर रहे थे। पिछले पांच-छह महीने में पांच-छह लाख रुपये की ठगी की है।
फर्जी पासपोर्ट, वीजा की जांच शुरू–
इनकी सूचना एमबेसी को भेजी जा रही है। पासपोर्ट और वीजा जो फर्जी मिले हैं उनको जांच के लिए अलग अलग एजेंसी को दिया जा रहा है।
कस्टम ऑफिसर बनकर करते थे शिकायत–
एसपी ने बताया कि फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजकर गिफ्ट देने की बात करते थे। जिसके बाद वे भारत आकर दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरने की बात व्हाटसएप क़ॉल पर कहते थे। जिसके बाद गिफ्ट को कस्टम अधिकारी द्वारा पकड़े जाने की बात कहकर अपने अकाउंट में पैसे डलवाते थे।