Hajj yatra 2024 : यूपी में खाली रह गया हज कोटा, क्या है बड़ी वजह? इस जिले में मात्र दो लोगों ने ही किया आवेदन
2023 के मुकाबले इस बार उत्तर प्रदेश में हज यात्रियों की संख्या काफी घट गई। 11 हजार से अधिक सीटे खाली रहने से लॉटरी की जरूरत नही पड़ेंगी। Hajj 2024 के लिए आवेदन करने वाले हर शख्स को हज यात्रा पर जाने का मौका मिलेगा।
CNB News Hajj 2024 : यूपी में इस बार हज यात्रा 2024 के लिए आवेदन करने वाले सभी आवेदकों को हज की यात्रा पर जाने का मौका मिलेगा। हज आवेदन कम आने की वजह से किसी भी राज्य में लॉटरी की जरूरत नही पड़ेंगी। तारीख बढ़ाने के बाद भी हज आवेदकों की संख्या नही बढ़ सकी। उत्तर प्रदेश में 31180 हज यात्रियों का कोटा था लेकिन 19702 लोगों ने ही आवेदन किए। यूपी में हज की 11478 सीटें खाली रह गई।
महंगाई और यात्रा में आई अड़चन भी वजह
हज आवेदन की संख्या घटने के पीछे महंगाई बड़ी वजह बताई जा रही है, लेकिन पिछले साल यात्रा पर गए लोगों की मानें तो यात्रा के दौरान हुई समस्याएं भी एक प्रमुख वजह है। पिछले बार मिना और अराफात के मैदान में हज यात्रियों को बदइंतजामियों से भी जूझना पड़ा था। वहीं, सउदी अरब में चलने वाली मुद्रा रियाल को भी अब हज यात्रियों को खुद ही बदलना पड़ता है। अधिकतर यात्री बुजुर्ग होते हैं, इसलिए इस समस्या से भी लोग जूझते रहे हैं। पहले सउदी में खर्च के लिए हज यात्रियों को रुपये मिलते थे, जिसे अब बंद कर दिया गया है। वहीं बढ़ती महंगाई के चलते लोग हर शहर से बढ़ी संख्या में उमरा पर जा रहे इसलिए भी हज आवेदकों की तादाद घटने के पीछे यह वजह भी मानी जा रही है।
एक हज यात्री का कितना आता है खर्च ?
दिल्ली से हज पर जाने वालों को 3.44 लाख, बंगलूरू से जाने पर 3.09 लाख और मुंबई से हज की यात्रा पर जाने वालों को 3.04 लाख रुपये सरकार को देने होते है। प्राइवेट टूर ऑपरेटर्स से हज पर जाने वालों को 6 लाख रुपए देने होते है।
कैसे तय होता है हज का कोटा ?
सऊदी अरब ने लंबे समय से एक नियम बना रखा है कि जो भी मुस्लिम देश हैं वहां हर 1000 की आबादी पर एक व्यक्ति हज की यात्रा कर सकता है। दुनिया की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी इंडोनेशिया में रहती है। वहां 27.6 करोड़ मुस्लिम रहते हैं। लिहाजा वहां का कोटा 230,000 हज यात्रियों का है।भारत ने इस साल के शुरू में सऊदी अरब सरकार के साथ जेद्दाह में भारत से हज कोटे को लेकर करार किया है, जिसके अनुसार भारत से इस साल हज यात्रियों का कोट 1,75,025 जायरीनों का है।
राज्य सरकार ऐसे तय करती कोटा
हज कोटा को राज्य के हिसाब से तय करने का काम केंद्र सरकार का अल्पसंख्यक मंत्रालय और हज कमेटी ऑफ इंडिया का है। वो ये तय करती है कि भारत के हर राज्य से कितने लोग हज की यात्रा कर सकेंगे। इसके लिए हर राज्य की हज कमेटी आवेदन मंगाती है। उसका ड्रा निकाला जाता है। इस आधार पर छांटे गए लोगों को हज जाने का मौका मिलता है। आबादी के आधार पर सबसे ज्यादा हज यात्री उत्तर प्रदेश के होते हैं, इसके बाद पश्चिम बंगाल और बिहार के हज यात्री होते हैं।
केंद्र सरकार लेती है इतने रुपए ?
हज का 70 फीसदी कोटा केंद्र सरकार अपने अल्पसंख्यक मंत्रालय और हज कमेटी के जरिए तय करती है और 30 फीसदी कोटा प्राइवेट आपरेटर्स पूरा करते हैं। सरकारी कोटे से जाने वाले लोगो को सरकार आने जाने के खर्च से लेकर वहां रहने के खर्च में काफी सब्सिडी देती है जबकि प्राइवेट आपरेटर्स अपने हिसाब से इस खर्च को तय करते हैं। राज्य सरकार ने हज यात्री से 399,500 रुपए जबकि प्राइवेट आपरेटर्स ने हज यात्रियों से 06 लाख रुपए लिये।
इस जिले से दो लोग ही जाएंगे हज पर
प्रदेश में आवेदन करने वालों में मुरादाबाद जिला अव्वल रहा है। यहां सबसे अधिक 2030 लोगों ने आवेदन किया। जबकि लखनऊ से 1007 लोगों ने आवेदन किया। तीसरा नम्बर सहारनपुर का है यहां से 921 लोगों ने आवेदन किया। जबकि सबसे कम आवेदन चित्रकूट से आए, यहां से दो लोगों ने ही आवेदन किया। इसके अलावा बदायूं से 180, पीलीभीत से 120, शाहजहांपुर से 129 और बरेली से 655 लोगों ने आवेदन किए। वहीं अमरोहा से 206 लोगों ने आवेदन किए जबकि 2023 में यहां से 788 हज पर गए थे।