भाजपा रालोद का गठबंधन हुआ तो, अमरोहा से देवेंद्र नागपाल की मजबूत होगी दावेदारी, कई दावेदारों के बिगड़ेंगें समीकरण
उत्तर प्रदेश में सपा की उम्मीदों पर पानी फेरते हुए एक दो दिन में रालोद मुखिया बीजेपी के सतग गठबंधन की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में अमरोहा लोकसभा सीट रालोद के खाते में जानी तय है। 2009 में भी रालोद व बीजेपी गठबंधन में अमरोहा सीट रालोद के खाते में थी। ऐसे में रालोद के टिकट पर लोस चुनाव लड़ने वालों में देवेंद्र नागपाल की दावेदार मजबूत मानी जा रही है। क्योंकि देवेंद्र नागपाल 2009 में रालोद के टिकट पर लड़कर सांसद बने थे।
अमरोहा से इकरामुद्दीन मलिक की रिपोर्ट
CNB News : उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव को लेकर रालोद व बीजेपी के बीच गठबंधन को लेकर चल रही अटकलों के बीच अगर दोनों दलों का गठबंधन बना तो अमरोहा में भाजपा से टिकट मांगने वाले प्रत्याशियों के समीकरण बिगड़ सकते है। यूपी में रालोद व बीजेपी का गठबंधन तय माना जा रहा है। राजनीतिज्ञों के मानें तो एक दो दिन में केवल ऐलान होना बाकी रह गया। अगर ऐसा होता है तो अमरोहा लोकसभा सीट पर गठबंधन प्रत्याशी के लिए देवेंद्र नागपाल की दावेदारी मजबूत हो सकती है।
ये है भाजपा से टिकट के दावेदार
भाजपा से टिकट मांगने वालों में अमरोहा में दावेदारों की लंबी लिस्ट है। इनमें कंवर सिंह तंवर, देवेंद्र नागपाल, सोरन सिंह, कमल सिंह मलिक आदि दावेदार शामिल है। इनमें कंवर सिंह तंवर 2014 में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़कर सांसद बन चुके है। भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में भी दोबारा कंवर सिंह तंवर पर दावं लगाया था लेकिन दूसरी बार गठबंधन प्रत्याशी दानिश अली ने उनको पराजित कर दिया था। दानिश अली एक लाख ने एक लाख वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी। कंवर सिंह तंवर तीसरी बार फिर से भाजपा के रूप में चुनाव लड़ने के लिए टिकट की लाइन में सबसे आगे बताए जा रहे है।
इसलिए नागपाल की मजबूत दावेदारी
यदि रालोद व बीजेपी के बीच गठबंधन हुआ तो ऐसे में अमरोहा सीट रालोद के खाते में जानी तय है। देवेन्द्र नागपाल 2009 में रालोद के टिकट पर चुनाव लड़कर अमरोहा से सांसद रह चुके है। उस समय भी रालोद व बीजेपी का गठबंधन था। अमरोहा सीट रालोद के खाते में गई थी और रालोद ने देवेंद्र नागपाल को प्रत्याशी बनाया था। देवेंद्र नागपाल महबूब अली को हराकर लोकसभा में पहुंचे थे। इसलिए माना जा रहा है कि यदि 2024 में रालोद व बीजेपी का फिर गठबंधन बना तो अमरोहा से देवेंद्र नागपाल की दावेदारी अन्य के मुकाबले ज्यादा मजबूत होगी। हालांकि रालोद व बीजेपी गठबंधन की खबरों के बीच नागपाल समर्थकों में खुशी देखी जा रही है।
जमीन से जुड़े नेता के रूप में पहचान
देवेंद्र नागपाल जमीन से जुड़े नेता माने जाते है। खुद हसनपुर विधानसभा से विधायक रहने के साथ ही अपने बड़े भाई हरीश नागपाल को भी सांसद बनवा चुके है। 2004 में हरीश नागपाल ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था और भाजपा के चेतन चौहान को हराकर वह सांसद बने थे। देवेंद्र नागपाल नौगावां सादात विधानसभा से भी भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके है। लेकिन विजय नही मिली।