बरेली के रियल एस्टेट कारोबारी के ठिकानों पर आयकर के छापे, लखनऊ व उत्तराखंड के काशीपुर स्थित आवास पर मिला ताला
बरेली में सत्य साईं बिल्डर्स के मालिक ठेकेदार रमेश गंगवार के शहर और देहात स्थित आवास और कार्यालय पर आयकर विभाग लखनऊ की टीम ने छापामारी की। चार घंटे से चल रही छानबीन में टैक्स चोरी के कई अहम दस्तावेज मिलने की सूचना है। जांच जारी है।
बुधवार दोपहर करीब एक बजे लखनऊ से चार गाड़ियों में आयकर की टीम डीडी पुरम स्थित आवास और कार्यालय पहुंची। पहुंचते ही सभी लोगों के मोबाइल फोन जमा करा लिए। इससे खलबली मच गई। कारोबार से संबंधित दस्तावेजों की छानबीन शुरू कर दी। परिजन के अलावा परिसर में अन्य किसी के भी प्रवेश को प्रतिबंधित कर दिया।
वहीं, परिजनों को जांच पूरी होने तक किसी भी तरीके से कहीं कोई संपर्क न करने को कहा। अब तक की जांच में क्या मिला इसकी जानकारी देने अब तक टीम की ओर से मीडिया से साझा नहीं की गई। बरेली के अलावा लखनऊ, काशीपुर स्थित ठिकानों पर भी छापा की सूचना है।
छापा की जानकारी से बरेली आयकर अधिकारियों ने इन्कार किया है। उन्होंने छापा कार्रवाई में क्या रहा, यह जानकारी लखनऊ कार्यालय से मिलने की बात कही है। दूसरी ओर, रमेश गंगवार के यहां छापामारी से अन्य कारोबारी, ठेकेदार, व्यापारी, उद्यमियों में हलचल मची रही।
दलेलनगर पहुंची टीम, चर्चाओं का दौर शुरू
शाम करीब चार बजे रमेश गंगवार के दलेलनगर स्थित पैतृक आवास पर आयकर की टीम दो गाड़ियों में पहुंची। वहां भी सबसे पहले गेट बंद कराकर परिजनों से दस्तावेज मांगकर छानबीन शुरू कर दी। करीब आधे घंटे बाद गांव में छापा की सूचना पर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया। हालांकि, घर के आसपास कोई भी ग्रामीण या करीबी भी जाने से कतराते रहे।
ठेकेदारी में उतरते ही जुटने लगी चल-अचल संपत्ति
बताते हैं कि रमेश गंगवार का पैतृक कारोबार काश्तकारी है। दो भाई अभी कृषि कार्य से जुड़े हैं। लेकिन रमेश ठेकेदारी में उतरे तो कुछ ही वर्षों में काफी चल-अचल संपत्ति भी बना ली। बीते दिनों लोकसभा चुनाव में चुनाव लड़ने के लिए एक राष्ट्रीय पार्टी से टिकट मांगे जाने की भी चर्चाएं जोरों पर थीं। बीते दिनों अल्मोड़ा में निर्माण कार्य का एक बड़ा टेंडर भी हासिल किया है।
समाजसेवी के तौर पर भी रमेश गंगवार की पहचान
रमेश ठेकेदारी के साथ ही, समाजसेवा के कार्यों में भी काफी खर्चा कर रहे थे। बीते आठ वर्षों में में सात बार 101 से लेकर 251 निर्धन कन्याओं का सामूहिक विवाह भी आयोजित करा रहे थे। बताया जा रहा है आयकर विभाग की टीम उनके करीबियों के यहां भी छापामारी कर सकती है। लेकिन इस बारे में अभी कोई पुष्टि नहीं है।