India News Today : अमेरिका ने CAA पर की टिप्पणी, भारत ने जताई कड़ी आपत्ति, बोला हमारा आंतरिक मामला
CAA यानी नागरिकता संशोधन कानून को लेकर अमेरिका ने चिंता व्यक्त की है। अमेरिका की इस टिप्पणी पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई है। विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि यह भारत का आंतरिक मामला है।
India News Today : CAA यानी नागरिकता संशोधन कानून को लेकर अमेरिका ने चिंता व्यक्त की है। अमेरिका की इस टिप्पणी पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई है। विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि यह भारत का आंतरिक मामला है। इसमें अमेरिका की टिप्पणी अवांछित और अनावश्यक है। इसके अलावा नागरिकता संशोधन कानून को लेकर भी उनके पास गलत जानकारी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि हम अधिनियम की अधिसूचना पर अमेरिका की चिंताओं पर कड़ी आपत्ति जताते हैं। यह हमारा आंतरिक मामला है और अमेरिका की टिप्पणी उचित नही है।
अमेरिका ने बोला, लोकतंत्र में सभी धर्मों का सम्मान हो
11 मार्च को CAA का नोटिफिकेशन लागू होने के बाद अमेरिकी विदेश विभाग ने टिप्पणी की थी कि हम सीएए पर नजर रख रहे हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा था, ‘भारत में नागरिकता संशोधन अधिनियम की अधिसूचना 11 मार्च को जारी की गई है। हम इस पर कड़ी नजर रख रहे हैं कि इस अधिनियम को कैसे लागू किया जाता है। उन्होंने कहा था हम देख रहे हैं कि कैसे इसके तहत सभी धर्मों का सम्मान किया जाता है और उन्हें समानता दी जाती है। यह देश के लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए जरूरी है।’वहीं अब भारत ने कहा, ‘हमें उन लोगों के व्याख्यानों की परवाह नहीं है जिन्हें भारत की बहुलवादी संस्कृति के बारे में सीमित ज्ञान है।’
भारत ने अमेरिका की टिप्पणी पर दिया जवाब
India News Today : अमेरिका की टिप्पणी के बाद विदेश मंत्रालय ने उसे दो टूक जवाब देते हुए कई तथ्यों का भी जिक्र किया। मंत्रालय ने कहा, ‘इस कानून से अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में धर्म के आधार पर उत्पीड़न झेल रहे अल्पसंख्यक हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, ईसाई और पारसियों को शरण दी जाएगी। इससे उन लोगों को नागरिकता मिल जाएगी जो दिसंबर 2014 से पहले भारत आए थे। यह कानून नागरिकता देने के लिए आया है, लेकिन इसके लिए नहीं। इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए। यह कानून उन लोगों को किसी देश की नागरिकता देता है जो वर्तमान में किसी भी देश के नहीं हैं। इससे उनके मानवाधिकारों की रक्षा होगी और उनका सम्मान भी बढ़ेगा।
विदेश मंत्री बोले, किसी को टिप्पणी का अधिकार नही
विदेश मंत्री जयसवाल ने कहा कि भारत का संविधान सभी वर्गों को धार्मिक स्वतंत्रता देता है। यहां किसी भी अल्पसंख्यक पर अत्याचार का कोई आधार नहीं है। उन्होंने कहा कि पीड़ितों के लिए अगर कोई कानून बनता है तो उस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। इस मामले में उन लोगों को व्याख्यान देना उचित नहीं है जो विभाजन के बाद या उससे पहले भारत की संस्कृति और इतिहास के बारे में नहीं जानते। भारत के साझेदारों और समर्थकों को इस मामले में हमारा समर्थन करना चाहिए।’ इस कानून की भावना को समझना चाहिए।