अगले साल जापान को पीछे छोड़ देगी भारत की इकोनॉमी, गुस्से में हैं जापान के लोग
नई दिल्ली। भारत फिलहाल दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। लेकिन, यह जल्द ही जापान को पीछे छोड़कर चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। यह अनुमान भारत के G20 शेरपा और नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत ने लगाया है। उनका दावा है कि भारत अगले साल यानी 2025 तक जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी इकोनॉमी (4th largest economy) बनने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
अभी कहां है इंडियन इकोनॉमी
भारत की जीडीपी (GDP) फिलहाल अमेरिका, चीन, जर्मनी और जापान के बाद पांचवें नंबर पर है। भारत साल 2022 में ब्रिटेन को पीछे छोड़कर पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना था। एक दशक पहले भारत की जीडीपी 11वें पायदान पर थी। अभी भारत की अनुमानित जीडीपी करीब 3.7 ट्रिलियन डॉलर है।
दुनिया की पांच सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
देश | जीडीपी | प्रति व्यक्ति आय | ||
अमेरिका | 28,783 अरब डॉलर | 83,060 डॉलर | ||
चीन | 18,536 अरब डॉलर | 13,145 डॉलर | ||
जर्मनी | 4,730 अरब डॉलर | 56,290 डॉलर | ||
जापान | 4,112 अरब डॉलर | 34,140 डॉलर | ||
भारत | 3,942 अरब डॉलर | 2,730 डॉलर |
(सोर्स: फोर्ब्स इंडिया)
अमिताभ कांत का कहना है कि भारत साल 2013 में फ्रैजाइल 5 लिस्ट में था, लेकिन 2024 तक दुनिया की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो जाएगा। उन्होंने इसका श्रेय रिकॉर्ड जीएसटी कलेक्शन, पिछली तीन तिमाहियों में 8 फीसदी की जीडीपी ग्रोथ और 27 देशों के साथ भारतीय मुद्रा में व्यापार को दिया। उन्होंने कहा कि भारत में मुद्रास्फीति (Inflation) यानी महंगाई भी फिलहाल काबू में है।
क्या होता है फ्रैजाइल 5?
फ्रैजाइल 5 (Fragile 5) टर्म को सबसे पहले ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मॉर्गन स्टेनली ने साल 2013 में उछाला था। इसमें पांच उन उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं को शामिल किया गया था, जो उस वक्त अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रही थीं। इनमें ब्राजील, इंडोनेशिया, साउथ अफ्रीका और तुर्किये के साथ भारत भी शामिल था।
मॉर्गन स्टेनली के मुताबिक, ये अर्थव्यवस्थाएं विकास की रफ्तार बढ़ाने के लिए विदेशी निवेश पर हद से ज्यादा निर्भर हैं। इस वजह से यहां जोखिम अधिक है। लेकिन, अब भारत की जीडीपी ग्रोथ की बड़ी वजह बढ़ती घरेलू खपत और कामकाजी युवा आबादी है।
कैसे बढ़ रहा भारत?
अमिताभ कांत का कहना है कि स्टील, सीमेंट और ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में डबल डिजिट ग्रोथ हुई है। भारत डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में सबसे अव्वल है। ई-ट्रांजेक्शन बढ़कर 134 अरब तक पहुंच गया है। यह ग्लोबल डिजिटल पेमेंट का करीब 46 प्रतिशत है।
उन्होंने कहा कि जन धन खाता-आधार-मोबाइल ट्रिनिटी (JAM Trinity) के तहत खोले गए खातों में अभी 2.32 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। 2013-14 और 2022-23 के बीच औसत वार्षिक मुद्रास्फीति 5 प्रतिशत हो गई, जो 2003-04 और 2013-14 के बीच 8.2 प्रतिशत थी।
अमिताभ कांत ने इन सभी फैक्टर को भारत की आर्थिक तरक्की की रफ्तार बढ़ाने की अहम वजह बताया। भारत की अर्थव्यवस्था 2021-22 में 8.7 प्रतिशत और 2022-23 में 7.2 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी।