Ramadan 2024 Date : जानिए, रमजान का पहला रोजा कब ?
रमजान (Ramadan) का मुकद्दस महीना शुरू होने में बस अब कुछ ही दिन बचें है। हर कोई रमजान की आमद में जुटा है। इस बार रोजे ठंडी हवाओं और खुशगवार मौसम के बीच गुजरेंगे। 12 मार्च को पहला रोजा होने की उम्मीद जताई जा रही है। वैसे तो रमजान का महीना चांद दिखने पर ही शुरू होता है।
CNB News ब्यूरों : मुकद्दस रमजान (Ramadan) की आमद में बस अब कुछ ही चंद दिन बचें है। इस साल रोजे ठंडी हवाओं के बीच खुशगवार मौसम में गुजरेंगे। बीते साल के मुकाबले इस बार मौसम का मिजाज साज़गार रहने की उम्मीद है। रमजान की आमद को लेकर मुस्लिम समाज मे तैयारियां शुरू हो गई है। घर से मस्जिद तक साफ सफाई का कार्य चल रहा है। हर कोई रमजान की आमद में जुटा है।
Ramadan 2024 Date इस दिन होगा पहला रोजा
मुकद्दस रमजान की शुरुआत इस बार आगामी 12 मार्च से होने की संभावना है। चांद की तस्दीक के बाद रमजान का पहला रोज रखा जाएगा। रमजान (Ramadan) को लेकर घरों व मस्जिदों में साफ सफाई का कार्य तेजी से किया जा रहा है। वहीं रमजान की आमद को लेकर बाजार भी गुलजार होने लगें है। बाजार में नई वैरायटी की खजूरों के साथ चिप्स, पापड़ व खजला-फैनी भी दुकानों पर सज गए हैं।
गुलाबी ठंड में गुजरेंगे शुरुआती रोजे
इस बार रोजे (Roza) खुशगवार मौसम के बीच गुजरेंगे। कई साल बाद इस बार रोजे गुलाबी ठंड के मौसम में आए हैं। तापमान कम होने की वजह से मौसम खुशगवार बना हुआ है। ऐसे में इस साल रोजेदारों को भूख और प्यास की शिद्दत की कमी नहीं सताएगी। मौसम विशेषज्ञ होली के बाद मौसम में बदलाव की संभावना जता रहे है। तब मौसम जरूर प्यास की शिद्दत का एहसास करा सकता है।
तरावीह नमाज को भी इंतजाम मुकम्मल
तरावीह नमाज को लेकर भी तैयारियां शुरू हो गई है। मुकद्दस रमजान (Ramadan) में रोजे के साथ ही तरावीह नमाज अदा करना भी जरूरी है। शहर के अलग अलग कई स्थानों पर हफ्ता, 10 और 15 दिन की तरावीह का भी एहतमाम किया जाएगा। इंतजामिया से जुड़े लोग कहां कौन हाफिज कुरआन सुनाएगा व्यवस्था में जुटे है।
चांद दिखने पर होगी रमजान की आमद
मुस्लिम त्यौहार चांद देखकर ही तय किए जाते है। मुकद्दस रमजान का पहला रोजा कब होगा अभी यह साफ नही है, चांद देखकर ही फाइनल होगा। अमूमन माना जा रहा है 12 मार्च को रमजान का पहला रोजा हो सकता है। चांद दिखने के साथ ही मुकद्दस रमजान की शुरुआत होगी। रमजान की आमद को लेकर तैयार है।
क्या है तरावीह की नमाज
मुकद्दस रमजान (Ramadan) के पूरे महीने में मुसलमान रोजे के साथ ही तरावीह नमाज भी पढ़ते है। इसमें एक हाफिज-ए-कुरआन (जिनको पूरा कुरआन कंठस्त होता है) हर रोज कुरआन के एक पारा (अध्याय) की तिलावत (पाठ) करते हैं। आम तौर पर प्रति दिन एक-एक पारा खत्म कर तीस दिनों में पूरा तिलावत-ए-कुरआन मुकम्मल कर लिया जाता है। लेकिन चकाचौंध की इस भाग दौड़ की जिंदगी में नौकरी पेशा व कारोबार से जुड़े लोग हफ्ता, 10 और 15 दिन में तरावीह नमाज में ही कुरआन मुक्कमल करते है।