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Ramdan 2024 : रमजान का मुकद्दस महीना शुरू होने वाला, इससे पहले रोजा व रमजान का मतलब जान लें

रमजान का मुकद्दस महीना मार्च की 11 तारीख से शुरू हो रहा लेकिन उससे पहले इस्लाम की बुनियादी चीजों को जाना जरूरी है। इसमें पहला ईमान, दूसरा नमाज, तीसरा रोजा, चौथा हज और पांचवां जकात। यह पांच चीजे इस्लाम की बुनियादी चीजे है। जिन पर हर मुसलमान को चलना जरूरी है।

CNB News, Ramdan 2024 Date : माह रमजान का मुकद्दस महीना मार्च से शुरू होने वाला है। बरकतों से भरे रमजान के इस मुबारक महीने में अल्लाह अपने बंदों पर बरकतें नाजिल करता है। रमजान शुरू होने को लेकर मस्जिद से लेकर घरों तक तैयारियां शुरू हो गई। इंसान जरूरी चीजें खरीदने और सवारने में लगा है। चांद दिखने पर रमजान का महीना 11 मार्च से शुरू होगा, लेकिन तैयारियां अभी से शुरू हो गई है। रमजान की आमद को लेकर हर कोई खुश है।

बुराइयों से बचने का नाम ही रमजान है

मुफ्ती तैयब अहमद कासमी कहते है कि कुरआन में अल्लाह ने फरमाया कि रोज़ा (Roza) तुम्हारे ऊपर इसलिए फर्ज़ किया है, ताकि तुम खुदा से डरने वाले बनो और खुदा से डरने का मतलब यह है कि इंसान अपने अंदर विनम्रता तथा कोमलता पैदा करे। उन समस्त चीजों से रुकना, बचे रहना, परहेज करना रोजे की पहली शर्त है।

 

इन चीजों से टूट जाता है रोजा

जिन चीजों से रोजा टूट जाता है। वे चीजें हैं खाना, पीना, हमबिस्तर होना अर्थात सहवास आदि। इन चीजों के करने से रोजा टूट जाता है। अल्लाह ने इस मुबारक महीने के समस्त विधि-विधान को सब पर अनिवार्य कर दिया है। हरेक स्वस्थ्य व्यक्ति को इस पर हर हाल में अमल करना है। नहीं करेगा तो वह गुनाहगार होगा। मुकद्दस रमजान (Ramdan 2024) के इस महीने में केवल भूखा प्यासा रहने का नाम ही रमजान नही है। इस्लाम के बताए तरीकों पर अमल करना बेहद जरूरी है। तभी आपकी इबादत मुक्कमल हो सकेगी।

इन बातों पर अमल जरूरी

 

केवल भूखे प्यासे रहने का नाम ही रोजा नही है। पांच वक्त की नमाज अता करें। ज्यादा से ज्यादा इबादत करें। आंखों का रोजा ये है कि बुरा न देखें। कानों से बुरा न सुनें। जुबान से किसी को बुरा न बोलें, गाली-गलौज, पीठ पीछे किसी की बुराई, चुगली आदि से परहेज करें। हाथों का रोजा (Roza) यह है कि कुछ गलत न करें, गलत न लिखें, गलत न तौलें, किसी पर जुल्म न करें। पांवों का रोजा यह है कि बुराई की ओर न जाएं। मन का रोजा यह है कि लोभ-लालच, ईष्र्या-द्वेष, काम-वासना, हवस, बेईमानी, पाप से मुक्त हों। मन को संयमित व नियंत्रित रखें। अपने व्यक्तित्व से सबका भला करें।

 

रमजान टाइम टेबल (Ramadan Time Table 2024)

11 मार्च, 2024 रमजान की शुरुआत
9 अप्रेल, 2024 रमजान का समाप्ति
6 अप्रेल, 2024 शब-ए-कद्र
10 अप्रेल, 2024 ईद उल फितर

रोजे का मतलब बुराइयों से रुकना

रोज़े को अरबी में सोम कहते हैं, जिसका मतलब है रुकना। रोज़ा हमें तमाम बुराइयों से रोकता है। रोज़े में दिन भर भूखा व प्यासा ही रहा जाता है। इसी तरह यदि किसी जगह लोग किसी की बुराई कर रहे हैं तो रोज़ेदार के लिए ऐसे स्थान पर खड़ा होना मना है। रमजान (Ramdan 2024) के इस महीने में जब मुसलमान रोज़ा रखता है, उसके हृदय में उन लोगों के प्रति जो भूखे हमदर्दी पैदा होती है।

 

हर स्वस्थ व्यक्ति पर रोजा फर्ज

इस्लाम धर्म में 12 वर्ष से अधिक उम्र के हर स्वस्थ व्यक्ति पर रोजा फर्ज है। रमजान के इस मुकद्दस महीने में हर स्वस्थ्य व्यक्ति को रोजा रखना अनिवार्य है। अल्लाह ने कमजोर, वृद्धों, गर्भवती महिलाओं, बीमार व्यक्ति व लंबी यात्रा निकले शख्स को ही इससे छूट है। हालांकि इन सबको बाद में रोजा (Roza) रखकर अदायगी करनी होगी।

 

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