मुख्तार अंसारी की कब्र पर आज फातिहा पढ़ेगा बेटा अब्बास, SC ने शर्तों के साथ दी इजाजत
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को जेल में बंद उत्तर प्रदेश के विधायक अब्बास अंसारी को उनके पिता मुख्तार अंसारी की याद में ‘फातिहा’ समारोह में भाग लेने की अनुमति दे दी. समारोह 10 अप्रैल को निर्धारित है. गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी की 28 मार्च को उत्तर प्रदेश के बांदा मेडिकल कॉलेज में कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई थी. न्यायमूर्ति सूर्यकांत शर्मा और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की शीर्ष अदालत की पीठ ने कहा कि अब्बास को कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति देने से इनकार करने का कोई कारण नहीं दिखता.
कानून और व्यवस्था बनाए रखने पर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा व्यक्त की गई आशंकाओं के बाद, शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया कि अब्बास अंसारी को पर्याप्त सुरक्षा के साथ पुलिस हिरासत में कासगंज जेल से उनके गृहनगर गाजीपुर ले जाया जाए और 13 अप्रैल तक वापस जेल लाया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने अब्बास को 11 और 12 अप्रैल को अपने परिवार के सदस्यों से मिलने की भी अनुमति दी. शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश के पुलिस प्रमुख से यह सुनिश्चित करने को कहा कि सब कुछ शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो, इसका ध्यान रखा जाए. फिलहाल अब्बास अंसारी हथियार लाइसेंस मामले में न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं.
उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नवंबर 2022 में गिरफ्तार किया था. अब्बास अंसारी को पिछले साल नवंबर में, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने जमानत देने से इनकार कर दिया था, क्योंकि उनके नई दिल्ली स्थित घर से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद हुए थे. अदालत ने अब्बास की जमानत याचिका खारिज करने के पीछे गवाहों को प्रभावित करने और सबूतों के साथ छेड़छाड़ के जोखिम को भी एक बड़ा कारण माना था. वह मऊ विधानसभा क्षेत्र के वर्तमान विधायक हैं. अंसारी ने शॉटगन शूटिंग में एक स्पोर्ट शूटर के रूप में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व भी किया है.
डीजी (जेल) एस.एन. साबत के बयान के मुताबिक, मुख्तार अंसारी रमजान के दौरान रोजा रख रहे थे. 28 मार्च को रोजा तोड़ने के बाद उनकी हालत बिगड़ गई थी. हालांकि, मुख्तार परिजनों का आरोप है कि उन्हें जेल में स्लो पॉइजन दिया गया. पूर्व विधायक का शव 30 मार्च, 2024 को गाजीपुर में उनके पैतृक आवास पर लाया गया. इसी दिन शाम को कालीबाग स्थित कब्रिस्तान में उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया गया. मुख्तार अंसारी के जनाजे में उनके समर्थकों की भारी भीड़ उमड़ी थी. 63 वर्षीय मुख्तार अंसारी विभिन्न आपराधिक मामलों में 2005 से उत्तर प्रदेश और पंजाब की जेलों में सलाखों के पीछे थे. उनके खिलाफ 60 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज थे और कई केस में कोर्ट से सजा भी मिली थी.