Swami Prasad Maurya : स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा छोड़ी, MLC पद से भी इस्तीफा दिया
स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा के बाद अब पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया। साथ ही उन्होंने MLC पद भी छोड़ दिया। 22 फरवरी को स्वामी प्रसाद मौर्य अपनी नई पार्टी की कार्यकारिणी का गठन करेंगे। उन्होंने RSSP नाम से नई पार्टी बनाई है।
CNB News : स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने सपा छोड़ी दी है। साथ ही उन्होंने MLC पद से भी इस्तीफा दे दिया है। 24 घंटे पहले उन्होंने नई पार्टी का ऐलान किया था। जिसका नाम रखा है- राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी। इस्तीफा देने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने पत्रकारों से बात की। इस दौरान वह रामगोपाल पर खूब बरसे। बोले, रामगोपाल यादव सपा को नुकसान पहुंचाने में लगें है।
अखिलेश खुद PDA के खिलाफ
इस दौरान स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि अखिलेश यादव समाजवादी विचारधारा के विपरीत जा रहे हैं। अब सपा जातीय जनगणना की बात ठुकरा रही है। अखिलेश की सोच सामने आ गई है, जिस PDA का नारा दिया। उसकी खुद ही हवा निकाल दी।
जो खुद अंधेरे में हो, वो दूसरे को कैसे उजाले में ले जाएगा। मुलायम सिंह घर में घंटों पूजा करते थे। मगर वो कभी मंदिर नहीं गए। अब सपा शालिग्राम की पूजा कर रही है। जब तक राम गोपाल यादव मुखिया की तरह रहेंगे। तब तक सपा का कुछ नहीं हो सकता हैं।
मेरे लिए पद का कोई महत्व नही
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा- आज मैंने सपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया है। इससे पहले 12 फरवरी को अखिलेश यादव से मेरी मुलाकात और बात हुई थी। मैंने कहा था कि कुछ लोग पार्टी में है, जो पार्टी की विचारधारा और उसे कमजोर करने का काम कर रहे हैं। इसके बाद दोबारा मैंने पत्राचार किया। मगर उनकी तरफ से एक्शन नहीं लिया गया। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि मैं पद के लिए सपा में नहीं आया था। मेरे लिए पद का कोई महत्व नहीं हैं। पद से ज्यादा मैं अपना सम्मान और विचारधारा को मानता हूं। जीवन पर्यंत इन विचार धाराओं को आगे बढ़ाने के लिए काम करता रहूंगा। 22 फरवरी को दिल्ली में एक बड़ी जनसभा में अपनी नई पार्टी का ऐलान करूंगा।
INDIA गठबंधन देश की आवश्यकता
उन्होंने कहा कि प्रदेश और देश में बैठी सरकारें गरीबों के खिलाफ काम कर रही हैं। लोकतंत्र को कमजोर करने के लिए ED और सीबीआई सहित तमाम एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। बड़े उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाया जा रहा है। आज INDIA गठबंधन देश की आवश्यकता है।
राहुल गांधी की भारत जोड़ों यात्रा में होंगे शामिल
आज सपा से मेरी राहें जुदा हुई हैं। मगर मैं इंडिया गठबंधन के सहयोग में रहूंगा। मुझे वक्त मिला, तो राहुल गांधी की यात्रा में शामिल होऊंगा। आने वाले समय में आप कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं? इस सवाल पर स्वामी ने कहा कि ये ऑफर आप लोगों को मिला होगा। स्वामी जी इंडिया गठबंधन बिखर गया है। ऐसे में आप NDA से कैसे लड़ेंगे। जवाब में उन्होंने कहा कि जो बिखरता है, उसे ही बटोरा जाता है।
2022 से पहले ज्वाइन की थी सपा
स्वामी प्रसाद मौर्य ने 2022 विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जनवरी में भाजपा छोड़कर सपा जॉइन की थी। वह पहली योगी सरकार में मंत्री थे। मौर्य मंत्री पद से इस्तीफा देकर सपा में आए थे। मौर्य इससे पहले बसपा भी अहम पदों पर रह चुके हैं। राजनीति के शुरुआती दिनों में लोकदल और जनता दल में भी स्वामी प्रसाद मौर्य रहे हैं।
22 को दिल्ली में होगा नई पार्टी का ऐलान
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा देने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने सोमवार को नई पार्टी बनाने का ऐलान किया था। इसके लिए उन्होंने नई पार्टी का नाम व झंडा लॉन्च कर दिया है। वह 22 फरवरी को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में रैली को संबोधित कर पार्टी की कार्यकारिणी का ऐलान करेंगे।
RSSP होगा नई पार्टी का नाम
नई पार्टी का नाम राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी (RSSP) होगा। इसके झंडे में नीला, लाल और हरा रंग होगा। हालांकि, इस बीच समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता राम गोविंद चौधरी उन्हें मनाने के लिए उनके घर पहुंच गए थे लेकिन बात नही बनी। स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने बीते दिनों समाजवादी पार्टी में उपेक्षा किए जाने का आरोप लगाते हुए राष्ट्रीय महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया था।
पत्र में लिख यह जताई थी नाराजगी
स्वामी प्रसाद मौर्य ने यह जताई थी नाराजगी
स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने अखिलेश यादव को लिखे गए अपने पत्र में कहा था कि डॉ. भीमराव आंबेडकर और डॉ. राममनोहर लोहिया समेत सामाजिक न्याय के पक्षधर महापुरुषों ने 85 बनाम 15 का नारा दिया था, लेकिन समाजवादी पार्टी इस नारे को लगातार निष्प्रभावी कर रही है। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में भी बड़ी संख्या में प्रत्याशियों का पर्चा व सिंबल दाखिल होने के बाद अचानक प्रत्याशियों को बदला गया। इसके बावजूद वह पार्टी का जनाधार बढ़ाने में सफल रहे।