UP News : सपा और रालोद का गठबंधन टूटना तय, दो दिन में होगा NDA से गठबंधन का ऐलान, ये बनी वजह
रालोद के बीजेपी में जाने को लेकर चल रही अटकलें काफी हद तक साफ हो चुकी है। गुरुवार को सपा मुखिया अखिलेश यादव व रामगोपाल के बयां ने स्थिति एकदम साफ कर दी है कि रालोद अब सपा की नही बीजेपी की साथी होगी।
CNB News Desk : उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी औऱ राष्ट्रीय लोकदल का गठबंधन टूटना लगभग तय हो गया है। सीटों पर फंसे पेंच को भी सुलझा लिया गया है और अगले 2 दिन में राष्ट्रीय लोकदल NDA का हिस्सा बन जाएगा। नये गठबंधन का औपचारिक ऐलान दो दिन के अंदर होगा। माना जा रहा है कि RLD के मुखिया जयंत चौधरी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा प्रेस कॉन्फ्रेंस करके गठबंधन का ऐलान करेंगे।
रालोद को मिलेगी एक राज्यसभा सीट!
रालोद भाजपा से 5 लोकसभा सीटों की डिमांड कर रही है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने रालोद को 4 सीटें मथुरा, बागपत, अमरोहा औऱ कैराना ऑफर की थी। राष्ट्रीय लोकदल पार्टी मुज्जफरनगर की सीट भी मांग रही है, जिसे देने से भाजपा ने इनकार कर दिया था। इसी सीट का पेंच फंस हुआ था। मुज्जफरनगर सीट से संजीव बालियान भाजपा के सांसद हैं, जो वर्तमान केंद्र सरकार में राज्य मंत्री भी हैं। ऐसे में इस सीट पर भाजपा ने समझौता करने से साफ मना कर दिया था। वहीं अब भाजपा उत्तर प्रदेश से अपने कोटे में से एक राज्यसभा सीट राष्ट्रीय लोकदल पार्टी को देने के लिए राजी हो गई है, लेकिन लोकसभा की एक सीट कम कर दी।
रालोद को तीन सीटों पर करना होगा संतोष
जंयत चौधरी की भाजपा हाईकमान से बातचीत के बाद जो नया फॉर्मूला तय हुआ है, उसके तहत भाजपा अब उत्तर प्रदेश में लोकदल को तीन लोकसभा सीटें देगी। इसके अलावा प्रदेश में 10 राज्यसभा सीटें रिक्त हुई हैं, जिनमें से 7 सीटों पर भाजपा की जीत तय है। ऐसे मे भाजपा अब अपनी पार्टी से 6 उम्मीदवार राज्यसभा भेजेगी औऱ एक राज्यसभा सीट समझौते के तहत राष्ट्रीय लोकदल के खाते में जाएगी। हालांकि राष्ट्रीय लोकदल पार्टी अभी भी भाजपा से लोकसभा की 4 सीटें मांग रही है, लेकिन भाजपा 3 सीटें देने पर अड़ी है।
सपा को लगेगा बड़ा झटका
राष्ट्रीय लोकदल पार्टी के पास उत्तर प्रदेश में बेशक एक भी सांसद न हो, लेकिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उसका बड़ा जनाधार है। ऐसे में भाजपा जाट वोटों की जुगत में राष्ट्रीय लोकदल पार्टी के जरिये बड़ी कामयाबी हासिल कर सकती है। जंयत चौधरी का NDA में जाना समाजवादी पार्टी और इंडिया गठबंधन के लिए बड़ा झटका साबित होगा। इसकी बड़ी वजह यह है कि मुज्जफरनगर दंगों के बाद से जाट समुदाय का बड़ा हिस्सा समाजवादी पार्टी से नाराज है, वह या तो भाजपा के साथ जाता है या फिर राष्ट्रीय लोकदल के साथ। ऐसे मे जंयत चौधरी के जाने से भाजपा को तो बढ़त मिलेगी, लेकिन सपा को बड़ा नुकसान होगा।
सपा के बयानों से साफ रालोद की साथी अब बीजेपी
गुरुवार को सपा मुखिया अखिलेश यादव ने वाराणसी में कहा कि भाजपा अच्छी तरह जानती है कि किसी को कैसे खरीदना और तोड़ना है। अखिलेश यादव के बयां के बाद साफ हो गया है कि वह भी समझ चुके है कि रालोद अब बीजेपी के साथ गठबंधन में चली गई। शाम को रामगोपाल यादव ने भी इटावा में जयंत को बीजेपी के साथ जानने को लेकर कहा कि उनके जाने से सपा पर कोई फर्क नही पड़ेगा। रालोद का कोर वोट पहले ही भाजपा में चला गया था। सपा के दोनों नेताओं के बयां ने साफ कर दिया है कि रालोद और बीजेपी के गठबंधन की खबरें अफवाह नही है।