RLD छोड़कर मंडी धनौरा ब्लॉक प्रमुख ने थामा भाजपा का दामन, प्रदेशाध्यक्ष की मौजूदगी में ग्रहण की सदस्यता
मंडी धनौरा ब्लॉक प्रमुख आशा चंद्रा ने रालोद को कहा अलविदा, भाजपा का थामा दामन। मुरादाबाद में प्रदेशाध्यक्ष की मौजूदगी में ग्रहण की सदस्यता।
CNB News Amroha : तमाम कयासों के बीच आखिर अमरोहा जिले की मंडी धनौरा ब्लॉक प्रमुख आशा चंद्रा ने रालोद को अलविदा कहकर भाजपा का विधिवत रूप से दामन थाम ही लिया। मुरादाबाद में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।
मंडी धनौरा ब्लॉक प्रमुख आशा चंद्रा समाजवादी पार्टी से पूर्व विधायक रहे दिवंगत एम चंद्रा की पत्नी है। आशा चंद्रा रालोद के सिंबल पर मंडी धनौरा ब्लॉक प्रमुख बनी थी। वह जिले में रालोद की अकेली ब्लॉक प्रमुख थी। पिछले छह माह से कयास लगाए जा रहे थे कि वह जल्द ही भाजपा का दामन थाम लेंगी। लेकिन वह सही मौके की तलाश में थी। हालांकि वह पूर्व में हुए एमएलसी चुनाव में खुलकर भाजपा का समर्थन कर चुकी है। तब से ही उनका भाजपा में जाना तय हो गया।
हालांकि कुछ लोग यह मान रहे थे कि वह भाजपा विधिवत रूप से ज्वाइन नही करेंगी। आखिर तमाम कयासों के बीच सोमवार को आशा चंद्रा ने अपने समर्थकों के संग मुरादाबाद में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी व एमएलसी जयपाल सिंह व्यस्त की मौजूदगी में भाजपा का दामन थाम लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व सीएम योगी आदित्यनाथ की नीतियों को जन जन तक पहुंचाने का काम करेंगी।
2012 से शुरू हुआ राजनीतिक सफर
धनौरा ब्लॉक प्रमुख का राजनीतिक सफर 2012 से शुरू हुआ था। जिसमें ब्लॉक प्रमुख आशा चंद्रा के पति माईकल चंद्रा समाजवादी पार्टी से धनौरा विधानसभा सुरक्षित सीट से विधायक निर्वाचित हुए थे। उनके निधन के बाद विधायक पुत्र कपिल चंद्रा ने रालोद का दामन थामा लिया था और 2017 में धनौरा विधानसभा से विधायक का चुनाव लड़े। लेकिन सफलता प्राप्त नहीं हुई। इसके बाद रालोद ने पूर्व विधायक की पत्नी आशा चंद्रा को धनौरा ब्लॉक प्रमुख चुनाव के लिए प्रत्याशी बनाया और विजय प्राप्त हुई।
बदलाव के राजनीतिक मायने
कहते है कि राजनीति में फेरबदल यूं ही नही होता उसके पीछे बहुत कुछ छिपा होता है। राजनीतिक विशेषज्ञों की माने तो इस बदलाव के मायने आगामी निकाय चुनाव में धनौरा नगर पालिका की सीट एससी होना है। सीधी नजरें भाजपा से नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए कवायद की उम्मीद की जताई जा रही है।